खींप (लेप्टाडेनिया पाइरोटेकनिका/Leptadenia pyrotechnica)
राजस्थान के थार मरुस्थल के पारिस्थितिकी तंत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियों में खींप एक महत्वपूर्ण वनस्पति है। राजस्थान के थार रेगिस्तानी जनजीवन में खींप बहुत महत्वपूर्ण पौधा है।
यह लगभग एक मीटर ऊंचा बहुवर्षीय घास होता है। कभी कभी यह 2 मीटर की ऊँचाई वाला भी देखने को मिल जाएगा।
राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में रहने वाले ग्रामीण इस घास को काटकर सुखा लेते है और झौपड़े इत्यादि के ऊपर छत बनाने में उपयोग किया जाता है। सूखी झाड़ी को सड़ाकर रस्सी भी बनाई जाती है।
खींप का कूटने से जो पानी निकलता है वो पानी अर्थात इसका रस बहुत पुराना अथवा दीर्घकालिक चुभे हुए कांटे अथवा मवाद के अंदर फंसी हुई किसी नुकीली वस्तुु को निकालने के लिए अत्यंत लााभकारी होता हैं परन्तु सामान्य शरीर पर खुजली हो जाती है।
इस पौधे पर छोटे छोटे हरे रंग के फूल लगते है और लम्बी फलियां लगती है जो पकने पर फट जाती है और अंदर से आक के बीजों की भांति रोयेंदार बीज निकलते है, जो हवा के साथ उड़कर काफी दूर चले जाते है।
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: प्लांटेआ
अश्रेणीत: eb:Angiospermsएंजीयोस्पर्म
अश्रेणीत:ऑडिकॉट्स
अश्रेणीत:अस्टेरीडस
गण:जेंटियानेलिस
कुल:एपोसीनेसी
उपकुल:Asclepiadoideae
वंश:en:Leptadenia
जाति:L. pyrotechnica
खींप की जड़ के औषधीय गुण बताए
जवाब देंहटाएंMarketing khheep
जवाब देंहटाएंKheep Ko kha becha Jaye yeh bataye
हटाएंTq जी यह जानकारी देने के लिए
जवाब देंहटाएंऔषधि गुण
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