कैर या ढेलु का पेड़
कैर
राजस्थान के थार मरूस्थल में बहुतायत से पाया जाने वाला कैर का पौधा एक बहुवर्षीय कंटीली तथा पर्णविहीन झाड़ी हैं। थार मरूस्थल के हर कोने में प्रायः खेतों की मेड़, तालाबों के किनारो तथा रेतीली एवं पथरीली हर प्रकार की भूमि में कैर का पौधा पाया जाता हैं। राजस्थान के अतिरिक्त यह दक्षिण और मध्य एशिया और अफ्रीका में मुख्य रूप से प्राकृतिक रूप में मिलता है।
कैर के पके हुए फल
इसमें दो बार फ़ल लगते हैं, मई और अक्टूबर में। इसके हरे फ़लों का प्रयोग सब्जी और आचार बनाने में किया जाता है। इसके सब्जी और आचार अत्यन्त स्वादिष्ट होते हैं। पके लाल रंग के फ़ल खाने के काम आते हैं। हरे फ़ल को सुखाकर उनक उपयोग कढी बनाने में किया जता है। सूखे कैर फ़ल के चूर्ण को नमक के साथ लेने पर तत्काल पेट दर्द में आराम पहुंचाता है।
फूलों से लकदक कैर की झाड़ी |
नामकरण
हिन्दी - कैर, पीचू, करील
गुजराती - कैरड़ों
कोंकणी - किरल
मराठी - करील
राजस्थानी - कैर, कैरड़ों
संस्कृत - दीर्घपत्रक, ग्रंथिक, ग्रंथिल
मारवाड़ी - कैर, कैरड़ा
अन्य नाम - करीर, करील, कैरिया
वैज्ञानिक नाम - Cappris Decidua
Family - Capparaceae
कैर के कच्चे फल |
कैर का पूर्ण विकसित पुष्प |
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कैर का सम्पूर्ण पौधा |
गूदेदार फल |
कैर का सुर्ख लाल फल (ढेलु) |
इन्हे भी देखें -
very nice information
जवाब देंहटाएंgjb
जवाब देंहटाएंNice 👍
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