बेर का पेड़ (Ziziphus mauritiana)

 
बेर
   राजस्थान की वानस्पतिक सम्पदा में बेर का पेड़ मुख्य है | उष्ण मरुस्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र में यह पेड़ आसानी से पनप जाता है | प्राय: खेतों और सूने पड़े स्थानों पर बेर प्राकृतिक रूप उग जाता है | यह एक बहुवर्षीय व बहुउपयोगी फलदार पेड़ है जिसमें फलों के अतिरिक्त पेड़ के अन्य भागों जैसे पत्ते, लकड़ी इत्यादि भी उपयोगी होती है | बलुई दोमट मिट्टी  इसके लिए सर्वोत्तम मानी जाती है,  हल्की क्षारीय व हल्की लवणीय भूमि में भी इसको लगा सकते है।



नामकरण

हिन्‍दी               -  बेर 
संस्‍कृत             -  
बदरीफलम्

स्‍थानीय नाम    - बोर, बोरडी 
वैज्ञानिक नाम   -   
Ziziphus mauritiana


                       बेर के पेड़ सामान्यतः  दो  प्रकार  के पाए  जाते  है  

  १. छोटा  बेर  :   इसको  खड बेर  भी  कहा  जाता  है | इसका क्षुप  एक से  डेढ़  मीटर  तक  ऊँचा  होता  है  जिसके  पत्ते  छोटे  व  गोलाकार  होते  है | फल  भी  छोटे - छोटे  होते  है  जिसका  ज्यादातर  भाग  गुठली  का ही  होता  है  गुठली  के ऊपर  पतली  पपड़ी नुमा  लाल  परत  के नीचे  मामूली  गूदा  होता  है  जो  खाने  में  मीठा  होता है | 

२. बड़ा  बेर  :  इसको  स्थानीय  भाषा  में  बड  बोर  भी कहा  जाता  है | प्राकृतिक  रूप  से  उगने  वाले  इन  पोधो  पर  मध्यम  आकार  के  फल  लगते  है         
जनवरी - फ़रवरी  माह  में  इन  बेर  के  पोधे  फलो  से  लटालूम  हो  जाते  है | मीठे  गूदे दार  फलो  का  स्वाद ही निराला होता  है |








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