थार की घास प्रजातियाँ (Part। ) - सेवण घास
सेवण घास
राजस्थान का थार मरूस्थल, जहां कोसों दूर तक किसी पेड़ की छांव का मिलना दुर्लभ होता हैं। वार्षिक वर्षा का औसत 150 मिलीमीटर के आसपास रहता हैं, और यहां पर वनस्पति के नाम पर रेगिस्तानी पारिस्थितिकी तंत्र में अनुकूलन करने वाली कुछ झाड़ियों और खेजड़ी जैसे कम पानी में पनपने वाले इक्के दुक्के वृक्ष ही मिलते हैं, उसी थार के गर्भ में थार का राजा कहलाने वाली बहुपयोगी घास सेवण खूब पनपती हैं। थार में सेवण घास के बगैर पशुधन की कल्पना करना भी बेमानी हैं।
सेवण घास का पूर्ण विकसित पौधा |
पहचान
पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ, और श्रीगंगानगर के रेगिस्तानी इलाकों, जहां वार्षिक वर्षा का औसत 250 मिलीमीटर से कम रहता हैं, ऐसे अत्यंत शुष्क क्षैत्रों में यह घास खूब पैदा होती हैं। सेवण घास का क्षुप एक से डेढ मीटर तक बढता हैं। इसकी जडों से ही बहुत सारी शाखाएं निकलती है, जो एक गुच्छे के रूप में होती है तथा डण्ठल पर बांस की तरह गांठे होती हैं। प्रत्येक गांठ के पास से दो पत्तियां निकलती है जो प्रायः एक से दो फिट तक लम्बी और तीन से चार मिमी. चौड़ाई की होती है जो धीरे धीरे अग्रभाग की तरफ पतली होती जाती हैं और सिरे पर एकदम तिकोना आकार ले लेती हैं।
सेवण घास |
पुष्पक्रम आठ से दस सेन्टीमीटर लम्बा गुच्छे के रूप में होता हैं, जिसमें चावल के दानें के आकार के और बहुत कुछ गेहूं के दाने से मिलते जुलते बीज होते हैं।
सेवण घास के बीज |
पुष्पित अवस्था में सेवण घास कोमल होती हैं, जिसे पशु बहुत चाव से खाते हैं। लेकिन पकने के बाद इसकी शाखाएं थोड़ी कठोर हो जाती हैं। सेवण घास का जड़तंत्र काफी विकसित होता हैं, जिससे यह पौधा बहुत कम बारिश में भी जीवित रह सकता हैं।
सेवण घास का पुष्पित पौधा |
पशुओं के लिए सेवण घास बहुत ही पौष्टिक चारा होता हैं। वैसे तो सेवण घास प्राकृतिक रूप से रेत के टीलों पर, खेत खलिहानो में और विशेषकर खाली पड़े चारागाहों में खूब होती है। लेकिन पशु चारे में इसकी उपयोगिता और रेगिस्तान के प्रसारण को रोकने के लिए इसकी महत्ती उपयोगिता को देखते हुए चारागाह विकास हेतु राज्य सरकार द्वारा सेवण घास की बुवाई करने के लिए भी कई योजनाएं चलाती रही हैं। वहीं काजरी द्वारा सेवण घास की काजरी 305, काजरी 317 और काजरी 319 जैसी उन्नत किस्में विकसित की हैं।
विभिन्न भाषाओं में नामकरण
हिन्दी - सेवण घास
वानस्पतिक नाम - लेसीयूरस सिंडीकस (Lasiurus Sindicus)
रासायनिक संगठन
घटक का नाम प्रतिशत
कच्ची प्रोटीन 10 से 12
ईथर निष्कर्ष 1 से 2
कच्चा रेशा 30 से 35
नत्रजन रहित निष्कर्ष 45 से 50
भस्म 10 से 20
थार मरुस्थल के अन्य पौधों की जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएँ -
1. छोटी दूधी (Euphorbia macrophyllae)
2. भुंई आंवला
3. ऊंट कंटारा (Echinops echinatus)
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